जो हमेशा सीखता रहे उसे विद्यार्थी कहते हैं। श्रेष्ठ लोगों ने कहा है कि व्यक्ति को जीवन के अन्तिम क्षण तक कुछ न कुछ सीखते और समझते रहना चाहिए। हमारे शास्त्रों के अनुसार जीवन के प्रारम्भिक पच्चीस वर्ष विशेष रूप से गुरु अनुशासन में रहकर विद्याध्ययन और ब्रह्मचर्य के माने गए हैं। हालांकि…
जो हमेशा सीखता रहे उसे विद्यार्थी कहते हैं। श्रेष्ठ लोगों ने कहा है कि व्यक्ति को जीवन के अन्तिम क्षण तक कुछ न कुछ सीखते और समझते रहना चाहिए। हमारे शास्त्रों के अनुसार जीवन के प्रारम्भिक पच्चीस वर्ष विशेष रूप से गुरु अनुशासन में रहकर विद्याध्ययन और ब्रह्मचर्य के माने गए हैं। हालांकि…