आज की भागदौड भरी जिंदगी में हमारे पास ना मिलने का समय है और ना ही साथ बैठकर मन की बात कहने का अवसर। ऐसे आपाधापी भरे आधुनिक दौर में हम एक दूसरे से मिल नहीं पाते हैं। जिसके चलते जीवन की खूबसूरती, जीवन का सौन्दर्य समाप्त सा हो जाता है और जीवन नीरस सा लगने लगता है। 'मीत री पाती' दोस्तों का एक मंच है, जिसके माध्यम से हम दूर रहकर भी एक दूसरे से जुडें रहेंगे। मीत री पाती अर्थात् मित्र का पत्र।
मीत री पाती का उद्देश्य एक मित्र की भांति आपके विचारों को सकारात्मक दिशा देना है। शायद मित्रवत् किए संवाद से आप हमसे अधिक जुड सकेंगे। अपने स्कूल, कॉलेज, घर, ऑफिस या किसी भी कार्यस्थल पर रहकर महापुरुषों के वचनों को सुनने और पढने के साथ ही आत्मिक आनंद को नियमित प्राप्त कर सकेंगे।